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प्रश्न 1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। 

लोकमन अपनी स्मृतियों में अतीत के इतिहास को सुरक्षित रखता है। जब वह अपनी स्मृतियों की अभिव्यक्ति कथाओं और गीतों के माध्यम से करता है तो वह साक्ष्य के रूप में आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहती हैं। लोक गायक सीधी-सरल प्रतिक्रियाओं एवं अभिव्यंजना को सभ्यता और शिष्टता के कृत्रिम आवरण से ढँके बिना उसकी सहज अभिव्यक्ति करता है इसलिए उसमें आडंबर नहीं, सत्यता का अंश दिखाई देता है। लोकभाषाओं में रचे लोकगीतों के अध्ययन से भारतीय स्वतन्त्रता-संग्राम के विभिन्न प्रसंगों के बहुआयामी पक्षों को नए संदर्भों में विश्लेषित करके अज्ञात और अनसुलझे रहस्य सुलझाए जा सकते हैं। लोक-साहित्य या लोक गीत युग की धड़कनों के साथ- साथ, तत्कालीन मानवीय संघर्ष और वेदनाओं को जानने के बेहतर माध्यम हो सकते हैं क्योंकि लोक गीतों के रचयिता किसी सामाजिक-राजनीतिक चेतना या संगठनों से जुड़े न होकर, मानव मात्र की वेदना की सीधी अभिव्यक्ति करते हैं।

यही वजह है कि स्वाधीनता संग्राम के दौरान आल्हा' अपने असाधारण प्रभाव के कारण लोक के बीच स्थान बना पाए। आल्हा लोक की जीवनी शक्ति और ऊर्जा का महाकाव्य है। यद्यपि आल्हा की मूल गायकी बनाफरी बुंदेली में है लेकिन बुंदेलों में उसकी कई वर्णन शैलियाँ हैं। यही नहीं बेसवाड़ी, कन्नौजी, अवधी, भोजपुरी, बघेली, ब्रजी, कौरवी आदि लोक भाषाओं में भी अलग-अलग वर्णन शैलियों की श्रृंखला है जिनमें उस जनपद की भाषाएँ मुहावरे और मिजाज व लोक संस्कृति और लोक चेतना इतनी घुलमिल गई है कि वह उस लोक की अपनी कथा बन गई है। यह, परंपरा लोक कवि जगनिक के आल्हा गायन से प्रारम्भ हुई।

क. लोकगीतों में आडंबर नहीं, सत्यता का अंश दिखाई देता है, क्योंकि वेः

A. स्मृतियों में अतीत के इतिहास को सुरक्षित रखते हैं।

B. आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहते हैं।

C. सभ्यता और शिष्टता के कृत्रिम आवरण से ढँके बिना सहज अभिव्यक्त करते हैं।

D. भारतीय स्वतन्त्रता-संग्राम के विभिन्न प्रसंगों के बहुआयामी पक्षों का विश्लेषण करते हैं।

ख. लोकगीतों की कौन-सी खूबी उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रखती है:

A. सभ्यता और शिष्टता के कृत्रिम आवरण से ढके बिना सहज अभिव्यक्त करना।

B. भारतीय स्वतन्नता संग्राम के बहुआयामी पक्षों का विश्लेषण करना।

C. लोक-स्मृतियों को कथाओं और गीतों के माध्यम से अभिव्यक्त करना।

D. विविध जनपदों की भाषा, मुहावरे मिजाज, तोक संस्कृति और लोक चेतना की मौजूदगी।

ग. स्वतंत्रता संघर्ष के संदर्भ में लोकगीतों की विशेषता नहीं है:

A. ये विविध प्रसंगों के बहुआयामी पक्षों को नए संदभर्थों में विश्लेषित करते हैं।

B. ये अतीत के अज्ञात और अनसुलझे रहस्य सुलझाते हैं।

C. तत्कालीन मानवीय संघर्ष और वेदनाओं को जानने के बेहतर माध्यम हो सकते हैं।

D. लोक गीतों के रचयिता सामाजिक-राजनीतिक चेतना या संगठनों से जुड़े होते हैं।

घ. निम्नलिखित कधनों पर आल्हा के संदर्भ में विचार कीजिए:

1. विविध जनपदों की लोक संस्कृति और लोक चेतना के मेल से विशिष्ट रूप विकसित ।

2. आल्हा की गायकी मूलतः बैसवाड़ी, कन्नौजी, अवधी, बघेली आदि लोक भाषाओं में है।

3. भारतीय लोकगीतों में आल्हा गायन परंपरा कवि जगनिक से पूर्व से विद्यमान है।

4. बुंदेलों में आल्हा गायन की कई वर्णन शैलियाँ विद्यमान हैं।

A. 1 और 2 सही है।

B. 2 और 3 सही हैं।

C. 3 और 4 सही है।

D. 1 और 4 सही है।

ङ. कथन (A) और कारण. (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिएः

कथन (A): लोकगीत अतीत में मानव मात्र के संघर्ष और वेदनाओं को जानने के बेहतर माध्यम हो सकते हैं।

कारण (R) : लोकगीतों के रचयिता किसी सामाजिक-राजनीतिक चेतना या संगठनों से नहीं जुड़े होते हैं।

A. कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।

B. कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।

C. कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

D. कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

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क. (C) सभ्यता और शिष्टता के कृत्रिम आवरण से ढँके बिना सहज अभिव्यक्त करते हैं।

ख. (C) लोक-स्मृतियों को कथाओं और गीतों के माध्यम से अभिव्यक्त करना।

ग. (D) लोक गीतों के रचयिता सामाजिक-राजनीतिक चेतना या संगठनों से जुड़े होते हैं।

घ. (D) 1 और 4 सही हैं।

ङ. (C) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

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